धर्मान्तरण किया या कराया गया ?

सैंकड़ों दलितों ने धर्मांतरण कियाभारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले दलित नेता भीमराव अंबेडकर के बौद्ध धर्म अपनाने के 50 साल पूरे होने के मौके पर नागपुर में धर्मांतरण समारोह आयोजित किया गया.आयोजकों का कहना है कि वे भारत के अन्य शहरों में भी इस तरह के धर्मांतरण समारोहों का आयोजन करेंगे.
धर्मांतरणऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल के एल्बर्ट लायल ने बीबीसी को बताया कि रैली में छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से हज़ारों लोग पहुँचे. अखिल भारतीय अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के परिसंघ के नेता उदित राज ने दावा किया कि धर्मांतरण सभा में दो से ढ़ाई हज़ार लोगों ने ईसाई और बौद्ध धर्म को अपना लिया. उन्होंने कहा, "हमनें गुजरात की मोदी सरकार को इसके ज़रिए बताने की कोशिश की है कि ईसाई और बौद्ध धर्म हिंदू धर्म से बेहतर हैं." इसका आयोजन ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल और अखिल भारतीय अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के परिसंघ ने संयुक्त रूप से किया था. एल्बर्ट लायल ने बताया कि नागपुर की रैली में 500 से अधिक लोगों ने ईसाई धर्म को और एक हज़ार से अधिक लोगों ने बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया. धर्मांतरण समारोह शुरू होने से पहले ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल के अध्यक्ष जोसेफ़ डिसूजा ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता का रास्ता दिखाया था. इस समारोह में अमरीका और ब्रिटेन के 30 से अधिक प्रतिनिधिमंडल ने शिरकत की

सौजन्य बी बी सी :

धर्मान्तरण के कुछ पहलू

१ रैली का आयोजक ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल था
२ जबकि दलित भीमराव अम्बेडकर के बौद्ध बनने का ५०वां साल मना रहा था
३ अगर दलित अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करते हैं तो उन्हें बौद्ध धर्म अपनानी चाहिए थी

आखीर ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल का ये रैली किस बात को साबित करता है, क्या ये यह साबित नहीं करता की ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल एक पूरी साजिस के तहत ये धर्मान्तरण का कार्य करवा रही है? हर रोज कोई न कोई मारपीट या बहलाफुसला कर या फिर लालच दे कर धर्मान्तरण की खबरें आती रहती है उदाहरण के तौर पर :

ईसाई धर्म नहीं अपनाने पर दलित दंपत्ति को पीटा
जालौन। उत्तरप्रदेश के जालौन जिले में ईसाई धर्म अपनाने से मना करने पर पादरी ने एक दलित दंपत्ति की बेहरमी से पिटाई की। जिले के उरई शहर के मोहल्ला शांतिनगर के निवासी देवेंद्र अहिरवार एवं उसकी पत्नी सुनीता ने बुधवार को कोतवाली पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि नौकरी का लालच दिए जाने पर उन्होंने मिजपा क्रिश्चियन स्कूल जाकर प्रार्थना सभा में भाग लेना शुरू किया था। छह माह बीत जाने के बाद भी जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो इस संबंध में उन्होंने पादरी डेनियल से शिकायत की जिस पर पादरी ने कहा कि हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने पर ही नौकरी मिलेगी। आरोप पत्र में कहा गया है कि दलित दंपत्ति ने धर्म परिवर्तन करने से मना करते हुए प्रार्थना सभा में भाग लेना बंद कर दिया। इससे गुस्साए पादरी डेनियल एवं धर्म प्रचारक रोशन ने आज दलित दंपत्ति के घर जाकर गाली-गलौज की और पति-पत्नी की जमकर पिटाई कर दी। कोतवाली पुलिस ने पिटायी के दौरान घायल हुई महिला को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है। खबर लिखे जाने तक मामले की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। इस बीच, पीड़ित महिला के परिजनों ने पुलिस एवं प्रशासन से इस घटना के लिए दोषी पादरी एवं धर्म प्रचारक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के साथ उनकी जानमाल की सुरक्षा किए जाने की गुहार की है। आखिर ये सब क्या है ? फिर भी हमारा हिन्दू समाज सेकुलर होने का डंका पिट रहा है हमारा समाज बिलकुल अँधा हो गया है इसे कुछ नहीं दिखता दिखाने की कोशिश करो तो भी नहीं देखना चाहते अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हिन्दू हिन्दुस्तान में ही अल्पसंख्यक हो जायेंगे और बिधर्मियो की साजिस सफल हो जायेगी.
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1 comments: on "धर्मान्तरण किया या कराया गया ?"

Anonymous said...

Let every fucking infedel convert to other religion, we dont care. The hindusthan will rise form the ashes and will destroy, lasha, mecca and rome. i am a true hindu and i will defend my faith to the end, truth will never lose. Someday we will reestablish the glory. Jai hind.
Har har mahadev
jai mahakali aayo gorkhali.