मुस्लिम-तुष्टीकरण की हार है ये

गुजरात और हिमाचल मे कौन जीता क्या साम्प्रदायिक शक्तियां जीतीं ?वस्तुतः जीत तो मुस्लिम-तुष्टीकरण के खिलाफ
उन आम जनता की जीत हुई है। जिन्हें मुस्लिम-तुष्टीकरण के आक्र्रमण से अपनी रक्षा हेतु संगठित होना पडा। यह मुस्लिम-तुष्टीकरण की हार है तालिबानी मिडीया कि हार है जो अपना धर्म को भुल कर चुनाव प्रचार में लगा हुआ था। यह हार उन आतंकवादियों का है जो मुस्लमानो को भडक़ाकर हिंसा फैलाना चाहती हैं। और उन्होंने हिंसा फैलाई। यह भी प्रमाणित तथ्य है कि भारत में अधिकांश हिंदू-मुस्लिम दंगे मुस्लिम ही शुरू करते हैं, तथा इन दंगों में जान-माल का अधिक नुकसान हिन्दुओं का ही होता है। लेकिन तथाकथित सैक्युलर सरकारें तथा राजनैतिक दल मुसलमानों के तुष्टीकरण के लिये तत्पर रहते हैं क्योंकि उनकी एक मान्यता जो कि 'जनतंत्र में बहुसंख्यकों से अल्पसंख्यकों की रक्षा करना आवश्यक ।' यह सर्वविदित है कि आतंकवाद फैलाने में कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियां ही दोषी रही हैं । आतंकवादी हजारों की संख्या में निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं, उन्हें तो मौत के सौदागर नहीं कहा या, उनके साथ तो नरम रुख अख्तियार करते हुए उन्हें फांसी के फंदे से बचाये जाने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है। सोनिया गांधी के दिशा निर्देश पर केन्द्र की यूपीए सरकार पोटा कानून निरस्त कर, आतंकवादी अफजल की फांसी की माफी की वकालत कर और प्रधानमंत्री एक आतंकवादी परिवार के लिए आंखों में आंसू लाकर अपने आतंकवाद के पोषण करने का रवैया पहले ही जग-जाहिर कर चुकी है। कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के गृहमंत्री शिवराज पाटिल और गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल शांति भाषण दे रहे हैं । उनके बयान में आतंकवादियों के डर के कारण आतंकवादियों खिलाफ कड़ी कार्रवाई का एक भी शब्द नहीं फूटा। इतने डरे लोगों को सौ करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश के भाग्य का फैसला करने का हक कैसे दिया जा सकता है। । कांग्रेस और मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति खेलने वाली पार्टियों ने संसद में पोटा कानून का विरोध इस तरह से किया था जैसे वो उनकी राजनीति ही खत्म कर दगा। मुस्लिम-तुष्टीकरण का ही एक नतीजा है कि मदरसा में आतंकवाद की पढाई के लिये सरकार करोड़ रुपय दिये गये। आज तक सरकार के द्वार हिन्दु गरीब बच्चो के लिये किसी तरह का कोई पौकेज के लिये पौसा तो दुर कोई सरकारी वायदा तक नही किया गया।
वे जनसंख्या उपायों का पालन नहीं करेंगे और जनसंख्या बढ़ायेंगे , देश के किसी कानून का पालन नहीं करेंगें और ऊपर देश में बम विस्फोट कर आरक्षण तथा विशेषाधिकार भी प्राप्त करेंगे. यह फैसला हिन्दुओं को करना है कि उन्हें धिम्मी बनकर शरियत के अधीन जजिया देकर रहना है या फिर ऋषियों की परम्परा जीवित रखकर इसे देवभूमि बने रहने देना है।
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अमरीकन ईसाइ मिशनरी का कुचक्र

हिन्दु चेतना के जागरुक पाठक ने अमेरिका से ई-पत्र के द्वार हिन्दु चेतना को सुचना दी है कि किस तरह अमेरिका के चर्च हिन्दुस्तान मे रह रहे हिन्दु को धर्मांतरण कराने साजिस रची जा रही है और चर्च के द्वार हिन्दुस्तान को चुनने का कारण भी हिन्दुओ के द्वार किसी भी तरह का कोई प्रतिशोध का ना होना कहा गया है।
हिन्दु चेतना के जागरुक पाठक को हिन्दु चेतना के ओर से हिन्दुस्तान से दूर रह कर भी हिन्दुस्तान एवंम हिन्दुओ के बारे मे हमेसा चिन्ता में रहने बाले पाठक को धन्यवाद। हिन्दुस्तान मे रह रहे तथाकथीत अपने आप को धर्मनिरपेक्ष कहने बाले हिन्दु को चेतावनी देना चाहता हू कि इनका जाल गरीब और वनवासी क्षेत्र में हि नही फैला है ये शहर की ओर अपना नजर लगाये हुये है एवंम शहरी क्षेत्र में भी भोले भाले हिन्दुओ को पैसा और विदेश में नौकरी के लालच दे कर धर्मांतरण करना आरम्भ कर दिया है। ईसाइ मिशनरी हिन्दु देवी देवता के बारे मे अपशब्द का प्रयोग भी करने से नही चुकते है

जागरुक पाठक का पत्र

Dear Sir,

I am writing form Memphis, Tennessee, USA. A few days ago a local church sent their missionaries to Hyderabad to convert people and they converted about 600 people. I don’t know the exact place in Hyderabad where these happened. Since I am so far I am not able to do anything very effective for my country and for my religion. i am sending you an address where they have given all the pictures. They have also vilified goddess kali in the worst possible way. Since I have come to Tennessee for holiday from Provo, Utah, USA the only thing i can do is to try to find the church bishop who has published this and talk to him. By the way, those missionaries are still in Hyderabad.
This is something that i got ----
It is shocking to learn that Commercial Appeal publishes such a
derogatory epithet on Hinduism. If these are the views of Bellevue Church then
let them publish it in their private communications but not in a
public newspaper. I really feel that we all Hindus should march to the
Bellevue Church in the protest. Other religion practitioners have taken
Hinduism on ride because of its non-aggressive nature. This is a blatant
attempt to deface Hindus in front of American populace. These so-called self proclaimed messiahs’s have entered into India incognito using tourist visa to achieve their unscrupulous goals. Can I AM and ICCT take any action against this illiterate, fanatic, arrogant Bellevue church goers? Can we all draft a protest letter to Commercial Appeal as well?

Best regards,
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Although Hinduism has its fringe sects -- some, for example, worship
Kali, a violent deity with a blood-soaked tongue -- many of its believers
consider Hinduism more of a way of life than a religion.

However, Gaines sees Hinduism as nothing more than idol-worship. "It's
sad, actually, because we were and are created in the image of God,"
she says.

"God placed, Ecclesiastes said, eternity in our hearts. So we have that
longing. I call it the God-shaped vacuum, the hole in our heart. We're
searching and we try to fill it. Every other religion is simply man's
attempt to work his way up to God, and it's only in Christianity that
God came down to man, through his son Jesus Christ."
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मौत का सौदागर

गुजरात मे चुनाव खत्म हो गया है नरेन्द्र भाई मोदी का किस्मत का फैसला कुछ दिन मे आ जयेगा और तालिबानी मीडिया कलन्क को धो देगे। इस चुनाव मे नया तमाशा देख्नने को मिला इसे हम मौत का सौदागर कह सकते है। इस चुनाव के खत्म होने पर आम जनता के दिल और दिमाग मे एक प्रश्न बार-बार घुम रहा है कि कौन है इस देश मै का मौत का सौदागर नरेन्द्र मोदी या सोनिया गांधी, क्रांग्रेस, यूपीए सरकार।
सोहरा बुद्दीन मुठभेड़ का जायजा ठहराकर और गुजरात की धरती को आतंकवाद से मुक्त कराने की बात कहकर नरेन्द्र मोदी ने मानो कोई जद्यन्य अपराध कर दिया है और वे देश के छदम धर्मनिरपेक्ष राजनैतिक दलो, बुद्धिजीवियों, मीडिया और चुनाव आयोग की आंख की किरकिरी बन गए है। यह और बात है कि वे उसने प्रखर राष्ट्रवाद और गुजरात के विकास पुरुष होने के कारण गुजरात वासियों की आंखों का तारा बने हुए है। चुनाव आयोग ने अपनी सजगता और तत्परता दिखाते हुए तुरन्त-फुरन्त मोदी को नोटिस जारी कर दिया। सारा देश जानता है कि देश में आतंकवाद को लेकर छिड़ी इस बहसको कांग्रेस सोनिया गांधी ने प्रारंभ किया था। उन्होने अपनी चुनावी सभा में नरेन्द्र मोदी को आतंकवाद का युवराज और मौत का सौदागर कहा था। सोनिया गांधी के दिशा निर्देश पर केन्द्र की यूपीए सरकार पोटा कानून निरस्त कर, आतंकवादी अफजल की फांसी की माफी की वकालत कर और प्रधानमंत्री एक आतंकवादी परिवार के लिए आंखों में आंसू लाकर अपने आतंकवाद के पोषण करने का रवैया पहले ही जग-जाहिर कर चुकी है। चुनाव आयोग को कांगे्रस का यह राष्ट्रवादी रवैया और नरेन्द्र मोदी पर सोनिया गांधी का अमर्यादित व्यक्तिगत आरोप जरा नही अखरा। किन्तु उसे जिस पर आतंकवादी हिंसा के अनेक मामले थे ए.के.४७ जैसा खतरनाक हथियार था उसकी पुलिस मुठभेड़ में हुई का जायजा कहना बेहद नागवार गुजारा। इसके लिए चुनाव आयोग ने मोदी को एक नोटिस भी जारी किया है।
वोट की इस लड़ाई मे जनता फैसला करेगी कि आखीर कौन है मौत का सौदागर।
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