आतंकवाद समस्या समाधान क्या है?

आज हमारा देश आतंकवाद की समस्या से जुझ रहा है और सरकार इस और ध्यान देना नही चाहती है कारण वोट बैंक की राजनीति आंतकवाद निरोधक कानुन को काग्रेस सरकार ने हटा दिया कारण था मुसलिम तुस्टीकरण। आतंकवाद काश्मीर के साथ साथ सारे हिन्दुस्तान को निशाना बना रहा है सरकार अभी तक जगी नही है। हमारे राजनेता को समझना होगा कि आज भारत एक गम्भीर युद्ध के दौर से गुजर रहा है। आंतकवाद भी एक पूर्ण युद्ध है। सिर्फ फर्क यह है कि इसमें दुश्मन की कोई पहचान नही होती एवं उसकी सेनाएँ चिन्हित नही होती है। वह जनता में ही घुला-मिला रहता है, एकाएक प्रकट होता है; आतंकी हमला करता है और जनता में लुप्त हो जाता है। इससे लड़ना आम युद्ध से भी मुश्किल होता है; क्योंकि इस युद्ध का कोई क्षेत्र या जमीन नही होता है।
हम इस युद्ध मे तभी सफल हो पायेंगे, जब हम देशहित को वोट बैंक की राजनीति से उपर रखेंगे। हिन्दुस्तान में अब जरुरी को गया है कि संविधान में संसोधन हो और कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा केन्द्र एवं राज्य दोनों की बराबर सहभागिता में रखा जाय। दोनों इसके लिये जिम्मेदार हों। हिन्दुस्तान में अमेरिका की "फेडरल ब्यूरो आँफ इनवेस्टीगेशन" की तर्ज पर केन्द्रीय बल गठित हो, जिसका केन्द्र बिन्दु सिर्फ आतंकवाद हो। हिन्दुस्तान की सुरक्षा के लिये गृहमन्त्रालय से अलग एक 'आन्तरिक सुरक्षा का मन्त्रालय' बनाया जाये जो सीर्फ आतंकवाद पर ही नजर रखें। केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल भी दो धडों में विभाजित किये जायें। एक वह जो सीमा सुरक्षा की देखभाल करे और दूसरा वह, जो आतंकवाद की लडा़ई लड़े। इन दोनों धडो़ के हथियार और प्रशिक्षण भी अलग-अलग हों।
आतंकवाद को सिर्फ कानून और व्यव्स्था की समस्या के रुप में न देखा जाय; वरन एक पूर्ण नागरिक समस्या के रुप में देखा जाय। आतंकवाद के खिलाफ हिन्दुस्तान की सेना को समयब्द्ध तरीके से इस्तेमाल किया जाय। जब हिन्दुस्तानी सेना बुलानी पडे़, तब मानव अधिकारों के उल्लंघन का राग न अलापा जाय; क्योंकि अगर सेना भी असफल हो गयी तो देश चला जायेगा।
विश्व की दूसरी सबसे बड़ी थल सेना रखकर कर हम आतंकवाद की लडा़ई में नंपुसक बनकर नही रह सकते। जो भी हमारे परोसी देश इन आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं, उन्हें हमें सख्ती से निपटना होगा कि हम चुप नहीं बैठेंगे, फिर परिणाम चाहे जो भी हो। हमें भी अपनी गुप्तचर संस्थाओं को पाकिस्तान की 'आई.एस.आई.' अमेरिका की 'सी.आई.ए.' और इसरायल की 'मोसाद' की तर्ज पर ढालना होगा। जब हम अपने देश के लिये मरने, मारने और कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जायेंगे, तभी हम आतंकवाद की लडा़ई जीत पायेंगे।
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1 comments: on "आतंकवाद समस्या समाधान क्या है?"

PLEASE THINK said...

hamare desh me hamesha se bheetari ghat se hi antrik suraksha asthir hue ha bahar se jyada hame under ki ladaye ladne ki jarurat ha, hame apne desh vasiyo me rashtriya charitra ki bhawana ka vkash karne ki ati aavashakta ha tabhi hm apne bich ke atankwad ko mita sakte ha