अंतिम समय में भी भारत को सबक सिखाने की चाहत रखने बाली बेनजीर भुट्टो को मार डाला गया। सभी ने इस कार्य की भर्तसना की लेकीन हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जैसा बयान दिया उसे हास्यपद कहना चाहीये या हिन्दुस्तान में रह रहे मुस्लमान की चाटुकारीता। हास्यपद तो नही कहा जा सकता है क्योकि श्री मनमोहन सिंह जी विद्वान और समझदार व्यक्ति हैं इसमें कोई शक नही। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अनुसार वह हमारे उपमहाद्वीप की प्रमुख नेता थीं, जिन्होंने भारत-पाक संबंधों को सुधारने का प्रयास किया।
क्या कोई बता सकता है कि बेनजीर भुट्टो हिन्दुस्तान के साथ संबंध कब सुधारना चाहा। क्या ये सच्च नही है कि कश्मीर में आंतकवाद को सबसे ज्याद संरक्षण दिया वो बेनजीर भुट्टो ही थी। काश्मीरी पंडीतों को काश्मीर से भागाने में सबसे ज्यादा हाथ हिन्दुस्तान के शासको के बाद बेनजीर भुट्टो का है शायद हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री भुल गये। बेनजीर भुट्टो अपने शासन काल आतंकियों को काश्मीर में आंतक फैलाने के लिये खुली छुट दे रखी थी। बेनजीर भुट्टो आंतक फैलाने के साथ साथ काश्मीर में रह रहे जनता को भी बरगलाती रहती थी और भारतीय प्रशासनीक अधीकारी के बारे मे अनरगल बयान बाजी करके अधीकारीयों की जान की दुश्मन बनी हुई थी।
बेनजीर भुट्टो आणविक युद्ध की बात करके अपने पिता जुल्फिकार भुट्टो की एक हजार वर्ष लंबी लड़ाई को लड़ाती रही। और झुठ का सहारा लेकर विश्व समुदाय को धोखा में रखा बेनजीर भुट्टो के अनुसार कश्मीर घाटी का जो मुसलिम बाहुल्य क्षेत्र है वहां हिंदू पंडितों ने मुसलमानों का शोषण किया। उन्हे डराया,धमकाया और आज उन्हे हम उनका हक दिला रहे है। इस तरह कश्मीर पाकिस्तान के साथ होना चाहिए। आज उन्हे हम उनका हक दिला रहे है। इस तरह कश्मीर पाकिस्तान के साथ होना चाहिए। अगर काश्मीर पंडित मुसलमानो का शोषण किया होता तो मुसलमानो को काश्मीर से भागना चाहिये था ना कि काश्मीरी पंडित को बेनजीर भुट्टो का झुठ इसी बात से पता चलता है।
आज बेनजीर भुट्टो इस दुनीया मे नही रही लेकीन उनके द्वारा दिया गया घाव अब हिन्दुस्तान के लिये नासुर बन गया है और हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री का बयान हिन्दुस्तान के देशभक्त के गले से नीचे नही उतर पा रहा है। हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री को बेनजीर भुट्टो का किया गया काम इतना पंसन्द है तो हिन्दुस्तान में एक सप्ताह का रष्ट्रीय शोक का एलान करके हिन्दुस्तानी झंडा को छुका देना चाहिये।
कही हिदुस्तान के प्रधानमंत्री बेनजीर के बहाने हिन्दुस्तान मे रह रहे मुस्लमान की चाटुकारीता तो नही कर रहे हैं जैसा कि हिन्दुस्तानी नेता अपने देश कि सम्प्रभुता को ताक पर रख कर हमेसा से करते आये हैं प्रधानमंत्री को बयान देने से पहले सोच लेना चाहिये कि उनकी कोई बात हिन्दुस्तान के बहुसख्यक को चोट ना पहुचाये। यही मुस्लीम तुष्टीकरण काग्रेस का कही हार का कारण ना बन जाये।
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