ये हमारा हिन्दुस्तान है।

डाक्टर बीमार है
इंस्पेक्टर लाचार है।

घर में फोन है
मगर वह बेकार है।

अनपढ़ है मंत्री यहाँ
पढा़ लिखा सब बेकार है।

आदमी को पुछता नही
जानवरों से प्यार।

मुजरिमों का पता नही
बेकसूर गिरफ्तार है।

कुछ मत पुछो भाई
ये हमारा हिन्दुस्तान है।

Digg Google Bookmarks reddit Mixx StumbleUpon Technorati Yahoo! Buzz DesignFloat Delicious BlinkList Furl

4 comments: on "ये हमारा हिन्दुस्तान है।"

Dr. Anil Kumar Tyagi said...

वाह भाई, क्या अच्छा चित्रण किया है देश की दुर्दशा का, कोई समझे तो सही।

Vinay said...

दशा तो यही हो गयी है, मगर सुधार के लिए प्रार्थना करो
---
'विज्ञान' पर पढ़िए: शैवाल ही भविष्य का ईंधन है!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

यहां सब कुछ बेकार है.

Jeet Bhargava said...

आपकी कविता अच्छी लगी, अब लगे हाथ कविता के माध्यम से ही मेरा जवाब भी ले लीजिए:

जब वंश ही लोकतंत्र का आधार होगा,
देश ऐसे ही लाचार होगा.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
जब ईमान पर भारी मजहब होगा,
नेतृत्व का ऐसा ही भ्रष्टाचार होगा.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
जब बिका हुआ मानवाधिकार होगा,
बेक़सूर ही गिरफ्तार होगा.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
जब मीडिया ही दरबान होगा,
जन हित का मुद्दा बेकार होगा.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
जब जनमानस अचेत हो तो,
देश में ऐसा ही अंधार होगा.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
सुशासन को कौन पूछेगा,
जब सेकुलर ही जीत का आधार होगा.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
: जीत भार्गव