आप में से कितनों को पता है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह (जिन्हें हिन्दु आतंकवादी का जामा पहनाया गया था) और उनके साथीयों पर से मकोका हटा लिया गया है। कोर्ट के एक फैसले के अनुसार सभी अभियुक्तों पर से मकोका हटा लिया गया है।
याद किजीये कुछ दिन पहले तस्विर और हमारे समाचार मिडीया के द्वारा दिखाया जाने बाल वो हिन्दु आंतकवादी का समाचार जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह के साथ में हिन्दुस्तान के लगभग सभी साधु-संतों को ये मिडीया बाले हिन्दु आंतकवादी बता कर चौबीसों घंटा अपने समाचार के माध्यम से कोसते थे हर हिन्दु को आंतकवादी के अवधारणा में खडा़ कर दिया गया था लेकिन आज जब साध्वी प्रज्ञा पर से मकोका हटा एक भी समाचार चैनल बालों ने 1 मिनट का भी कोई कवरेज नही दिखाया। क्या यही है मिडीया का कर्तव्य। सोचिये क्या होगा हिन्दुस्तान का।
10 comments: on "सोचिये क्या होगा हिन्दुस्तान का"
मीडिया से हिन्दुओं के पक्ष में कुछ सुनने की उम्मीद छोड़ दीजिये भाई…
आप की बात सही है ये मीडिया वालें बस भय और घृणा फैलानें वाली बातों का ही ज्यादा प्रचार करते नजर आते हैं.........जबकि इस समाचार को भी उन्हें उसी जोर शोर से दिखाना चाहिए था।
हमारा मीडिया धर्मनिरपेक्ष जो है...
उ हूँ, फिर वही कंफ्यूजन!
अरे भाई मसाला मकोका लगने में है कि उतरने में? समाचार इस पर भी निर्भर करता है कि मसाला किस पर लगता है? कुछ इतने भाग्यशाली हैं कि उन पर चढ़ना उतरना दोनों समाचार हो जाते हैं। कुछ बेचारे तो बिंना मसाले के ही समाचार में सिसियाहट फैलाए रहते हैं। सब कुछ सापेक्ष है। जिसके सापेक्ष है वह सापेक्ष रूप से निरपेक्ष है। निरपेक्ष के उपर सापेक्षिकता का सिद्धांत नहीं लगता। वह सापेक्ष होते हुए भी निरपेक्ष कहलाता है।
समझ में नहीं आया? दो चार बार मनन के साथ अध्ययन करें। पूरा हिन्दुस्तान जिसके सापेक्ष अपने को दिखाना चाहता है, वह इतना सरल कैसे हो सकता है?
हिंन्दुस्तान धर्मनिरपेक्ष नही शर्मनिरपेक्ष देश है.कुछ ब्लॉग लेखको ने बढ चढ कर हिन्दू आतंकवाद पर लिखा था (जैसे आदरणीय फिरदौसजहाँ) अब क्या वे इस पर भी कुछ प्रकाश डालने की ज़हमत उठायेँगे?
इन पर मकोका लगाने से नेताओं को जो सुख मिला,विशव में जो प्रचार हुआ ,धरम निरपेक्षता की जो वाह वाही मिली ...वो सब मकोका हटने से थोड़े मिलेगा?इसीलिए कहीं कोई खबर नहीं है..और इधर कसाब को जुकाम भी हो जाये तो ये खबर है...
लानत है हम हिन्दुओं पर. शंकराचार्य का अपमान होता है हम चुप बैठे रहते हैं, साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित पर मकोका लगा दिया जाता है हम फिर भी चुप रहते हैं, हमें चारों तरफ से गरियाया जाता है और "धर्मनिरपेक्षता" का पाठ पढाया जाता है हम फिर चुप रहते हैं. हमारे हजारों निर्दोष भाई- बहन बम विस्फोटों में मारे जाते हैं हम फिर भी चुप ही रहते हैं. हम चुप हैं क्योंकि हम डरते हैं कहीं कोई हमें रूढिवादी, पिछड़ी सोच वाला, सांप्रदायिक न कहने लगे. यह तमगा और यह दुष्प्रचार किसका है- मीडिया का. इस दुष्प्रचार का जवाब देना होगा अपने दृनिश्चय से देना होगा.
चंदन जी, हमारे देश में सबसे ज्यादा अराजकता यदि कोई फैलाता है तो वो है मीडिया, भारत के
भ्रष्ट व बेईमान नेता अपनी पोल खुल जाने के डर से मीडिया पर कोई अंकुश नहीं लगा सकते, नेताओं की ये कमजोरी चनलों को मनमानी करने की छूट देती है। वैसे भी एक पक्ष की बदनामी होती है तो विरोधी पक्ष खुश होता है। दलों इस आपसी फ़ूट का मीडिया ही क्या पूरा विश्व फायदा उठा रहा है। प्रज्ञा सिह, कर्नल पुरोहित को झूठे मामले में फंसाकर पूरी भारतीय संस्कृ्ति व समस्त हिन्दु सभ्यता को कलंकित व दोशी ठहराने का षडयंत्र रचा गया बडे-बडे आखबार के संपदकों ने अपनी लेखनी
भांजी, अब पता नही उनकी धार कहाँ गयी?
कभी-कभी सोचता हूँ कि ये स्वार्थ वृ्त्ती, तोड-फ़ोड की राजनीति भारत माँ का और कितना अपमान करेगी?
ऎ सच्चे देशभक्तों, राष्ट्रभक्तों, इमानदरों अब तो जगो। कब तक मुर्खों, बेइमानों भ्रष्टाचारियों, देशद्रोहियों को अपने उपर राज करने दोगे? वक्त तुमसे भी तुम्हारी इस तथष्टता का हिसाब मांगेगा।
यदि हम डेट इस युद्ध मैं तो जीत हमारी ही होगी, थक कर बैठ गए तो भारत हार जाएगा |
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