हिन्दु आतंकवादी चुनाव जीतने का फार्मुला

14 नवम्बर 2004 दिपावली के ठीक पहले शकराचार्य स्वामी जयेन्द्र स्वामी को ठीक पुजा करते समय गिरफ्तार किया गया सेकुलर के द्वारा यह किसी विश्व विजय से कम नही था जम कर खुशीयाँ मनायी गया। इस खुशी के माहौल को दुगना करने में मिडीया का भरपुर सहयोग मिला मिडीया पुलिस और खूफिया ऎजेन्सी से ज्यादा तेज निकला और डेली एक नया सबूत लाकर टी.वी समाचार के माध्यम से दिखाया जाने लगा हिन्दु साधु-संत को जम कर गालिया दिया जाने लगा सभी को हत्यारा कहा जाने लगा। लेकिन सेकुलर और मिडीया का झुठ ज्यादा दिन तक नही टिका और शकराचार्य स्वामी जयेन्द्र स्वामी के खिलाफ सेकुलर और मिडीया कुछ भी नहीं साबित कर रहा था, सभी आरोप को बकवास करार दिया गया, उच्चतम न्यायालय का फैसला शकराचार्य स्वामी जयेन्द्र स्वामी के पक्ष में आया उन्हे हत्या के आरोप से जमानत के द्वारा रिहा कर दिया गया।

इस दीवाली हिन्दुओ के उपर एक और कंलक लगाने का कोशिश किया जा रहा हिन्दु आतंकवादी का बैगर किसी सबूत के एक हिंदू साध्वी को मालेगांव विस्फोटों में उसकी कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के पास सबूत नही है। जिस मोटर बाइक का उपयोग विस्फोट में करने के बारे में बताया जा रहा है उस बाइक को कुछ साल पहले बेच दिया गया था। स्पेशल पुलिस रविवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह के किराए के मकान पर छापा मारा, लेकिन वहाँ से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। मुंबई एटीएस प्रदेश में साध्वी प्रज्ञा से जुड़े लोगों की गतिविधियों की जानकारी एकत्रित कर रही है। लेकिन अभी तक पुलिस को कोई खास सफलता मिला लगता नही है। लेकिन इस मुद्दे पर काग्रेसी और उसके सहयोगी के द्वारा झुठा प्रचार सुरु कर दिया गया है । चुनाव से पहले खुफिया ऎजेन्सी और पुलिस को अपने चुनाव ऎजेन्ट के रुप में काम करवाया जा करवा दिया है। काग्रेस के नेता और उनके सहयोगी दल इसी कोशीश में लगे हैं कि किस हिन्दु संघठन को चुनाव तक हिन्दु आतंकवादी का तगमा लगा कर रखा जाये जिससे चुनाव में फायदा उठाया जा सके।

कांग्रेस सरकार इस पांच साल में इस देश को क्या दिया है। इस सरकार के दौरान सबसे ज्यादा मुस्लिम आतंकी का भयावह चेहरा हिन्दुस्तान देखा है। आंतकी को सरक्षण देने के लिये पोटा हटा दिया गया। परमाणु करार के द्वारा सरकार अपना परमाणु और रक्षा निती अमेरिका के हाथ में गिरवी रख दिया है। आखिर कौन सा चेहरा मुंह कांग्रेस उन किसानो के पास वोट मागने जायेगा जिसके परिजन आत्महत्या कर चुके हैं। हिन्दुस्तान का अर्थव्यवस्था आज जिस गति से निचे गिर रहा है उतना तेजी से शायद सचिन और धोनी ने रन भी नही बनाता है। हमारे अमेरिकन स्कालर प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी वित्त मंत्री के द्वारा लाख भरोसा और आश्वासन के बाबजुद भी अर्थव्यवस्था का गिरना बन्द नही हो रहा है अगर हालत यही रहा तो 1-2 महीना के अन्दर हिन्दुस्तान में भुखमरी सुरु हो जायेगा।

सोचने योग्य बाते हैं आखिर हिन्दु अपने देश हिन्दुस्तान में क्यों बम विस्फोट करेंगे। उन्हें ना तो किसी देवता के द्वारा जिहाद करने को कहा गया है। नही हिन्दु इस देश को दारुल हिन्दुस्तान बनाना चाहता है। हिन्दु के किसी धर्म ग्रन्थ में कही भी यैसा भी नही लिखा है कि दुसरे धर्म वालो को तलवार से सर कलम कर दो। उसके बच्चों को उसी के सामने पटक कर मार दो उसकी बहन और बेटी का बलात्कार करो। किसी हिन्दु धर्मगुरु ने मंदिर के उपर चढकर अपने भक्तों को कभी नही कहा होगा की तुम्हे अपने घर में हथियार रखना जरुरी है और हिन्दु जिहाद के नाम पर चन्दाँ इकट्ठा कर के आतंकवादीयों को सुरक्षा मुहैया करना है आतंकवादीयों को अपने घर में पनाह देना है। और उसे न तो किसी आतंकवादी देश के द्वारा छ्दम युद्ध लड़ने के लिये पैसा मिलता है। आखिर क्या कारण है कि हिन्दु अपने घर को तवाह करना चाहते हैं। कोई कारण समझ में नही आता है सिर्फ इतना ही समझ में आरहा है कि हिन्दु आतंकवाद का डर दिखा कर कुछ मुस्लिम तुस्टिकरण में लिप्त, आतंकवादियों के सहयोगी राजनिती पार्टी को चुनाव में फायदा होगा। और कोई कारण नही है इस हिन्दु आतंकवादी का।

सत्यमेव जयते के सिद्धान्त का पालन करते हुये हिन्दु इसी आशा में बैढे हैं कि जिस तरह से शकराचार्य स्वामी जयेन्द्र स्वामी को न्यायालय के द्वारा बाइज्जत बरी किया गया उसी तरह इस साध्वी प्रज्ञा सिंह भी एक दिन इज्जत के साथ जेल से रिहा होगी और तथाकथित सेकुलरिज्म का नकाव पहने, समाचार के नाम पर दलाली करने बाले मिडीया के गाल में तमाचा मारते हुये। फिर से इस देश में अपने ओजस्वी भाषण, देशभक्ती कार्य के द्वारा इस देश को परम वैभव में पहुचाने के कार्य में लग जायेगी।
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8 comments: on "हिन्दु आतंकवादी चुनाव जीतने का फार्मुला"

Aadarsh Rathore said...

जो आतंकी है वो हिंदू नहीं है
और जिस हिंदू ने अत्याचार का प्रत्युत्तर दिया है
वो सबसे बड़ा हिंदू है

संजय बेंगाणी said...

भारत का भाग्य हिन्दू राष्ट्रवाद पर टीका है, न की हिन्दू आतंकवाद पर.

Unknown said...

हिंदू धर्म किसी के भी प्रति हिंसा करने की सीख नहीं देता. अगर कोई हिंदू इस रास्ते से भटकता है तो उसे हिंदू कहना सही नहीं है. प्रज्ञा के केस में अभी जांच पूरी होनी बाकी है, उसके बाद अदालत फ़ैसला करेगी. हिंदू विरोधियों को इंतज़ार करना चाहिए. जिस तरह यह लोग चिल्ला रहे हैं उस से वातावरण विषाक्त हो रहा है.

amitabh tripathi said...

मैने अनेक लेखों में देखा है कि संजय बेगाणी जी हिन्दू आतंकवाद शब्द का प्रयोग कर रहे हैं। हिन्दू आन्दोलन की दृष्टि से उनकी चिंता उचित हो सकती है पर जिस प्रकार वे अधीर हैं वह उचित नहीं है। सर्वप्रथम तो यह आतंकवाद नहीं है एक कुंठा का प्रकटीकरण है जो देश में बहुसंख्यक के अन्दर उपज रही असुरक्षा की भावना का परिणाम है। इस्लामी आतंकवाद या हिन्दू आतंकवाद से अधिक प्रासंगिक सेक्युलरिज्म के एकाँगी स्वरूप पर बहस है।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

bilkul theek likh rahe hain, kam se kam ab to hinduon ko chetna chahiye

Anonymous said...

हिंदू धर्म किसी के भी प्रति हिंसा करने की सीख नहीं देता. अगर कोई हिंदू इस रास्ते से भटकता है तो उसे हिंदू कहना सही नहीं है

drdhabhai said...

हिंदु प्रतिकार करेगा तो आतंकवादी कहलायेगा और मरेगा तो .....क्या बचा रहेगा

Aadarsh Rathore said...

आतंकवाद की जड़ों का नाश होना चाहिए