सपा और राज का चक्रव्‍यूह

आज देश किस मोड़ पर जा रहा है, आज के नेतागण देश और धर्म को चूस रहे है। महाराष्ट्र में राज ठाकरे देश को तो समाजवादी पार्टी के कुछ नेता देश और धर्म को बॉंट रहे है। आज इन नेताओं की मानसिकता बन गई है कि बन गई है कि इस देश में उसी का राज है। आज इन अर्धमियों के आगे अपना देश और सविंधान नतमस्तक  हो गया है। आखिर ये देश और देश की राजनीति को किस दिशा में ले जाना चाहते है ? 

आज जिस प्रकार महाराष्ट्र में राज ठाकरे द्वारा कुराज किया जा रहा है, वह देश बॉंटने वाला है। आज ये क्षेत्रवाद के नाम पर देश को बॉट रहे है। वह देश की संस्‍कृतिक विरासत के लिये खतरा है। अगर इसी प्रकार क्षेत्रवाद के नाम पर राष्‍ट्र को बॉंटा जायेगा तो देश का बंटाधार तो तय है। भारत को उसकी विविधा के कारण जाना जाता है। पर इस विवि‍धा वाले देश को मराठा और तमिल के नाम पर कुछ क्षेत्रिय नेता आपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे है। ये नेता क्यो भूल जाते है कि जो क्षेत्रवाद की राजनीति करते है। वे भूल जाते है कि वे जिस मराठा मनुष की बात करते है वही के मराठा मानुष भारत के अन्य राज्यों में भी रहते है। अगर उनके हितो को नुकसान पहुँचाया जायेगा तो कैसा लगेगा ? 

आज कल सपा नेताओं को भी चुनाव आते ही मुस्लित हितो का तेजी से ध्‍यान आने लगा है। जिनते आंतकवादी मिल रहे है सपा उन्हे अपना घरजमाई और दमाद बना ले रही है। अमर सिंह की तो हर आंतकवादी से रिस्‍ते दारी निकल रही है। तभी देश की रक्षा करते हुये शहीदो से ज्‍यादा सपा और उसके नेताओं को अपने घर जामईयों की ज्‍यादा याद आ रही है।

यह देश आज आत्‍मघातियों से जूझ रहा है, जो क्षण क्षण देश को तोड़ रहे है। भगवान राजठाकरे को, और अल्लाह मियॉं अमर सिंह को सद्बुद्धि दे की ये देश के बारे कुछ अच्छा सोचे और देश के विकास में सहयोग करें। इसी में सबका भला है। 

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3 comments: on "सपा और राज का चक्रव्‍यूह"

श्रीकांत पाराशर said...

Sahi kah rahe hain aap. sab neta ek hi thaili ke chatte-batte hain. apne hit ke samne desh hit inhe goun lagta hai. aaj raj thakre ho ya mulayam singh,jo bhi kar rahe hain, vah desh ko barbad karne ki koshis hai. aaj prantwad ki baat ho rahi hai, kal koi yah bhi kah sakta hai ki hamare mohalle men mat aana. mohallawad bhi panap sakta hai. phir rashtra kahan rah jayega. raj thakre jo kar rahe hain uska virodh marathi bhaiyon ko bhi karna chahiye kyonki yah jo ho raha hai, unke bhi hit men nahin hai.

दिवाकर प्रताप सिंह said...

पूरा प्रकरण यह सिद्ध करता है कि हमारे नेतागण अपनी सत्ता-लिप्सा में कुर्सी से आगे सोंच नहीं पाते हैं, वे फिर इतिहास की त्रासदियों से भला क्या सबक सीखेंगे ?

Anonymous said...

भाई मेरे, यह तो राज ठाकरे को भड़का कर मराठी और उत्तर भारतीय हिन्दू वोटो में फाड़ कराने की चाल है. इसा चाल का सूत्रधार है अबू आझमी और अमर सिंह. जिसमे राज्य और केन्द्र की कांग्रेस सरकार एक तरफ़ राज ठाकरे को स्पोंसर कर रही है वहीं दूसरी और उत्तरभारतीयों के ली घडियाली आंसू बहा रही है. वरना क्या मजाल की राज एक साल ताका उत्पात मचाये और सरकार कुछ कर ना पाए! इस लड़ाई से हिन्दू मत विभाजित हो हाय हैं जिसका सीधा लाभ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस (पंवार) को है. इसलिए हिन्दू प्रजा जितनी जल्दी से अपने असली शत्रु को पहचान ले उतना बेहतर है. बाकी राज ठाकरे तो एक मोहरा है. वैसे आपने सही मसला उठाया है.