हिन्दू की बात बोलने वाला हर संगठन उन्हें भारत को मुस्लिम और ईसाई देश बनाने की राह में बाधा लगता है
पर एक भी अपराधी का सजा नहीं दी जा सकी। सिमी, इंडियन मुजाहिदीन आदि मुस्लिम आतंकी गिरोहों के सैकड़ों लोग पकड़े गये हैं अफजल जैसे आतंकवादीयों को न्यायलय से फांसी की सजा मिलने के बावजूद अफजल को बचाया जा रहा है। ऎसे सैकडों मुस्लिम आतंकवादी आज हिन्दुस्तान में खुले आम घुम रहें हैं इन पर कार्यवाही होना तो दूर इन्हें कुछ राजनीतिक पार्टी अपने पार्टी में सम्मलित कर देश का भाग्यविधाता बनाने का सपना देख रहा है, इतना ही नही अपनी जान गंवाकर इन्हें पकड़ने वालों पर ही संदेह किया जा रहा है। लालू, मुलायम, शिवराज पाटिल, रामविलास आदि भूलते हैं कि वे इन सुरक्षाकर्मियों के कारण ही सुरक्षित हैं। इसके बाद भी इन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। मुस्लिम वोट के लालच में आतंकियों के समर्थन का अगला चरण है हिन्दू संस्थाओं को कोसना। हर भगवा वेशधारी उन्हें कूपमंडूक और देशद्रोही नजर आता है। हिन्दू की बात बोलने वाला हर संगठन उन्हें भारत को मुस्लिम और ईसाई देश बनाने की राह में बाधा लगता है इसलिए उन्हें गाली दिये बिना उनका खाना हजम नहीं होता। ये हिटलर के प्रचार मंत्री गोयबल्स के कलियुगी चेले हैं। उसका मत था कि यदि झूठ को सौ बार बोलें, तो वह सच हो जाता है। उसकी दूसरी मान्यता यह भी थी कि झूठ इतना बड़ा बोलो कि घोर विरोधी भी उसका दस-बीस प्रतिशत तो सच मान ही ले। उनका यह रैवया सदा से रहा है। गांधी जी के हत्यारे नाथूराम ने स्पष्ट कहा था कि यक काम उसने अपनी इच्छा से किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इसमें कोई हाथ नहीं है। न्यायालय ने भी संघ को निर्दोष पाया, नेहरू सरकार ने ही संघ से प्रतिबंध हटाया। फिर भी आज तक संघ को उस हत्याकांड में घसीटा जाता है। कई लोगों को इस कारण न्यायालय में माफी मांगनी पड़ी है, फिर भी वे अपने झूठ पर डटे हैं।
5 comments: on "हिन्दु आतंकवादी कंलक धोने की कवायत"
Daal Mai Kala To Hai Kuch.
पिछले काफी समय से कांग्रेसी, वामपंथी और सत्ता में उनके साथी इस जुगाड़ में थे कि उनके मुख से आतंकवादियों के समर्थक और उनके प्रति नरम रूख अपनाने का कलंक कैसे मिटे
Sahi Kaha Aapne
सही लिख रहे हैं.
आपने सही लिखा है. एक लिंक दे रहा हूँ आपको, जरूर पढ़ियेगा.
http://www.visfot.com/bat_karamat/495.html
कुल मिलाकर इन लोगों ने आजतक की आतंकवाद की जितनी भी घटनाएं हुइ हैं उनको बराबर करने की नाकाम कोशिस कि है पर वो फिर भी सफल नहीं हो पाये हैं
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