न्यूयार्क। न्यूयार्क स्थित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विदेश ने न्यूयार्क राज्य के सर्वोच्च न्यायालय में तीन प्रमुख हिन्दू कार्यकर्ताओं नारायण कटारिया, अरीश साहनी और भरत बराई के विरुद्ध 100मिलियन डालर का मानहानि का दावा दायर किया है। इन कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है कि इन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गान्धी द्वारा पिछ्ले वर्ष अक्टूबर में अमेरिका की यात्रा के समय अमेरिका के प्रमुख समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स में पूरे एक पेज का विज्ञापन प्रकाशित कराया था और उसमें श्रीमती सोनिया गान्धी और उनके पुत्र राहुल गान्धी का कथित अपमान किया गया था।
इस मामले के वादी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विदेश के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डा. सुरेन्द्र मल्होत्रा ने अपनी शिकायत में न्यायालय के समक्ष कहा है कि पिछ्ले वर्ष 6 अक्टूबर को न्यूयार्क टाइम्स में श्रीमती सोनिया गान्धी और उनके पुत्र राहुल गान्धी के सम्बन्ध में विज्ञापन में गलत सूचनायें प्रकाशित की गयी थीं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने मुकदमे की पैरवी के लिये उसी कानूनी फर्म की सेवायें ली हैं जिसने टाइम पत्रिका के विरुद्ध इजरायल के एरियल शेरोन का प्रतिनिधित्व किया था।
दूसरी ओर अपने मुकदमे की पैरवी के लिये नारायण कटारिया और अरीश साहनी ने कोर्नस्टॆन वीज वेक्स्लर एण्ड पोलार्ड को नियुक्त किया है जो कि अपनी कुशलता के लिये जानी जाती है। उधर इस मुकदमे में प्रतिवादी बनाये गये एक अन्य सदस्य भरत बराय ने दावा किया है कि वह किसी भी प्रकार से विज्ञापन का हिस्सा नहीं थे और स्वतंत्र रूप से इस मुकदमे के विरुद्ध पैरवी कर रहे हैं।
डा. भरत बराय ने इस मुकदमे में अपना नाम घसीटने के लिये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विदेश के विरुद्ध जवाब में मान हानि का दावा करने का निश्चय किया है। डा. भरत का कहना है कि उनका विज्ञापन से कुछ भी लेना देना नहीं है न तो उन्होंने इसका डिजाइन बनाया और न हि उन्होंने इसके लिये धन दिया और विज्ञापन में सम्पर्क के लिये जिनका नाम था उस सूची में भी उनका नाम नहीं था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विदेश के इस फैसले के बाद अमेरिका में इस विषय पर ध्रुवीकरण तेज हो गया है। इन तीनों का समर्थन करने वाले हिन्दू नेता इस निर्णय पर सवाल उठा रहे है और उनका आरोप है कि जब यह विज्ञापन सार्वजनिक रूप से प्रकाशित हुआ था और लोगों के सामने यह काफी लम्बे समय तक आता रहा और विभिन्न मीडिया माध्यमों में बार बार प्रकाशित होता रहा तो फिर यह मुकदमा दायर करने के पीछे प्रमुख उद्देश्य क्या है। इन नेताओं का मानना है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोनिया गान्धी और सुरेन्द्र मल्होत्रा इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रथम संविधान संशोधन के द्वारा प्रत्येक अमेरिकी नागरिक का अधिकार है। कटारिया और साहनी भारतीय जनता पार्टी के ओवरसीज फ्रेण्ड्स के नेता भी हैं और इसके अतिरिक्त वे इण्डियन अमेरिकन इंटेलेक्चुअल फोरम भी चलाते हैं। इन लोगों ने पिछ्ले वर्ष गान्धी हेरिटेज फाउण्डेशन की स्थापना भी की थी जिसने सोनिया गान्धी के संयुक्त राष्ट्र संघ में सोनिया गान्धी के आगमन का विरोध किया था।
न्यूयार्क के एक प्रभावी हिन्दू नेता का मानना है “ कि यह मुकदमा केवल कुछ व्यक्तियों को निशाना बनाकर दायर नहीं किया गया है वरन इसके निशाने पर समस्त अनिवासी भारतीय हैं। उनके अनुसार इस मुकदमे के पीछे प्रमुख उद्देश्य अमेरिका में हिन्दू नेताओं की उत्साह भंग करना, उन्हें जबरन चुप कराना, आर्थिक दृष्टि से उन्हें दीवालिया बनाना, प्रताडित कर उन्हें झुकने के लिये विवश कर देना। इसके अतिरिक्त एक और प्रमुख उद्देश्य यह है कि भारत से बाहर सोनिया खानदान के विरुद्ध उठने वाली हर आवाज को सख्ती से कुचल देना यहाँ तक कि उन देशों में भी जहाँ के संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारण्टी दी गयी है’’
अमेरिका के अधिकतर हिन्दू मानते हैं कि नारायण कटारिया और अरीश साहनी दशकों से हिन्दू हितों के लिये संघर्ष कर रहे हैं और वे ऐसे दबावों के आगे झुकने वाले नहीं हैं। नारायण कटारिया 78 वर्षीय एक सेवानिवृत्त व्यक्ति हैं और इस बात के लिये संकल्पबद्ध हैं कि वे इस मुकदमे को अंत तक लडेंगे भले ही इसके लिये उन्हें अपनी पेंशन के फण्ड से धन खर्च करना पडे।
ऐसा प्रतीत होता है कि यह मुकदमा कटारिया सहित उन लोगों को नीचा दिखाने की योजना है हिन्दुओं के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं। पिछ्ले कुछ वर्षों मे नारायण कटारिया उत्तरी अमेरिका में एक ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं जिसने जिहाद जैसे विषय पर मुखर होकर हिन्दुओं की चिंतायें लोगों के समक्ष रखीं तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष सोनिया गान्धी के विरुद्ध प्रदर्शन करवाया और हिन्दू देवी देवताओं की नग्न चित्र बनाने वाले पेंटर मकबूल फिदा हुसैन की अनेक प्रदर्शनियों को रूकवाया। कटारिया और साहनी को ब्रिटेन, यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के अनेक देशों से सहायता प्राप्त हो रही है। इन हिन्दू नेताओं के मित्रों ने इनके मुकदमे के लिये आर्थिक सहायता एकत्र करने हेतु एक समिति गठित की है तथा मुकदमा लडने के लिये भी एक समिति बनाई है।
आप भी इस कार्य में अपना योगदान कर सकते हैं। इसके लिये अपना चेक इस पते पर Narain Kataria, 41-67 Judge Street, Apt-5P, Elmhurst, New York 11373 ‘Hindu support fund’ के नाम पर भेजें। प्राप्त धन का प्रबन्धन समुदाय के नेताओं द्वारा किया जायेगा और इसका अंकेक्षण भी स्वतत्र रूप से होगा।
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