संजय दत्त, मोहम्मद अजहरउद्दीन, आबू सलेम जैसे लोग भी आज इस देश में शासन करना चाहतें है जिनका इतिहास दागदार रहा है। यैसे नेता जो खुद अपराधी एवम भ्रष्टाचारी रहें हैं वे इस देश को क्या देगें। हम शायद भुल गयें है, वीर सावरकर, सुभाष चन्द्र वोष, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, डा. हेडगेवार, महात्मा गाँधी सरीखे नेता इस देश को अंग्रेज को खदेर कर इस देश को आजाद करवायें है ना कि अंग्रेज से इस देश को खैरात में ले कर आयें थे।
स्वतंत्रता के पश्चात हमने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्वीकार की है। लोकतंत्र में राजनीति दल चुनाव लड़ते हैं जीतकर सत्ता संभालतें हैं। देश के स्वीकृ्त संविधान के अनुसार राष्टृहित व समाजहित को सर्वोपरि मानकर शासन चलाने की प्रक्रिया है। वर्तमान में राजनीतिक दलों का एक मात्रउद्देश रह गया है कि सब प्रकार के हथकण्डों को अपनाकर सत्ता प्राप्त करना, वोट खरीदना, विरोधी दल के वोट न पड़ने देना, राजनीति हत्या, अपहरण आदि सभी कार्य करवाना। इन कार्यों के लिये धन, बल की आवश्यकता है। अत: वे अपराधियों से सम्बन्ध रखते हैं इस प्रकार अपराधी राजनेता और राजनेता अपराधी बने। आज तो राजनीति अपराधी, गुण्डों, तस्करों, काला धन्धा करने वालो का पूँजीपतियों की शरणस्थली बन गई है और देश में राजनीति का अपराधीकरण और अपराधीयों का राजनीतिकरण हुआ है यह खतरनाक है।
स्वतंत्रता के इन वर्षों में काग्रेस अधिकाशं रुप से केन्द्र की सत्ता में रही है। सत्ता में बने रहने ले लिये मतदान केन्द्रों पर कब्जा, मतदान के पहले शराब पिलाना तथा धन वितरण करना अर्थात ओछे से ओछे तरीकों के अपनाये जाने लगें। अपराधीयों का राजनेताओं से गहरे तालूकात रहें रहें है। आज हिन्दुस्तान का दुश्मन न. 1 दाउद इब्राहम कभी महाराष्ट्रा के पुर्व मुख्यमंत्री तथा तात्कालिक मंत्री का सहयोगी रहा है। कुख्यात तस्कर खगोशी, चन्द्रास्वामी का सम्बन्ध तो पुर्व प्रधानमंत्री तक से था। नायना साहनी तन्दूर हत्याकाण्ड जिसमें कांग्रेस के कई बडे़-बडे. नेता शामिल थे....... इत्यादी।
संसद के विरोधी दलों के द्वारा कई बार इन अपराधि नेताओ के उपर लगाम लगाने का कोशीश भी किया गया लेकिन सत्तालोलुप नेताओं ने इस पर ध्यान भी नही दिया और सत्ता में चिपके रहने के लिये अपराधियों के नेता का टोपी पहनाते रहें। इन्हीं नेताओं और अपराधीयों के सम्बन्ध की जाँच करने के लिये बोहरा जाँच समिति बनी। जिसका रिपोर्ट को प्रकाशित नहीं होने दिया गया। परन्तु कुछ मुख्य सूचना निम्न प्रकार है।
1. सरकार की अपराधी जगत का राजनितीक नेताओं का सम्बन्ध का खुलासा करने में रुचि नहीं है।
2.अपराधी जगत वास्तव में समानान्तर सरकार चला रहें हैं।
3. दाउद इब्राहम तथा मेमन बन्धुओं की अपराधिक कार्वाहियाँ वर्षों से चल रही हैं यह सरकारी अफसरों तथा राजनेताओं के सम्बन्ध से ही संभव है।
4.सी.बी.आई. ने 1986 में ही सरकार को मुम्बई के इस अपराध जगत की कार्यवाहियों की जानकारी दी थी परन्तु जानबूझकर कोई कार्यवाही नहीं कि गई।
5.इन अपराधियों ने तस्करी, अवैध वसुली के अपहरण, सट्टा के द्वारा अरबों की सम्पत्ती बनाई है। यह अन्तर्राष्टीय गैंग है और इस्लामिक कट्टरपंथी देश से भी इसके सम्बन्ध है।
6.मुस्लिम आतंकवादी तथा मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन ऎसे अपराधीयों के साथ मिल कर देश में तोड़फोड़, दंगा, बम विस्फोट, निर्दोश नागरिकों का हत्या कर रहें हैं। इन्हें पेटृो-डालर के रुप में धन प्राप्त हो रहा है। यह धन इसी देश के जाने माने मुस्लिम नेताओं के नाम पर आता है।
7. देशी-विदेशी सरकारी कार्यों मेंकमीशन मिलता है। इस धन का उपयोग वोट खरीदने में किया जाता है। विशेष रुप से मुस्लिम तथा झुग्गी झोंपडी़ में रहने वाले लोगो को खरीदा जाता है।
8. माफिया लोग इन पैसों का राजनेताओं तथा नौकरशाही से सम्बन्ध बनाने में उपयोग करते है।
बोहरा जाँच समिती के इस रिपोर्ट से समझ में आ सकता है कि आज के नेता इस देश को कहा लेकर जा रहें है तथा आने बाला पीढी़ को इस देश में सुरक्षा एवम सम्मान भी मिलना मुसकिल है।
नेताओं के द्वारा नैतिकता की बात केवल भाषणों और लेखों तक ही सीमित रह गई है। राजनेता तथा अधिकारीयों भी स्वयं उससे परे नही है। शासन के सर्वोच्च पदों पर भष्ट, समाज से तिरस्कृ्त, छोटी दलगत मानसिकता के लोग बिठाये जाते हैं। उनसे आखिर इस देश के नागरीकों को क्या अपेक्षा है? विधान सभा, लोकसभा तथा राज्यसभा में झूठ बोलना उनका धर्म हो गया है। इस प्रकार आज की राजनीति छलबल, धनबल और बाहुबल के भरोसे चल रहा है। चारों ओर अपराध और अपराधी तत्वों का संरक्षण, भ्रष्टाचार अनौतिकता का माहौल है।
जागरुक और देशभक्तों को यही मौका मिला है कि इस देश को अपराधीक नेताओ का पत्ता साभ कर दिया जाय और वैसे राजनितीक दल जो अपराधियों का संरक्षण लेता है उसे नकार दें।
4 comments: on "राजनीति का अपराधीकरण या अपराधीयों का राजनीतिकरण।"
अब तो यह कोई छोटा-मोटा रोग नहीं रह गया है, एक कैंसर का रूप ले चुका है और एक बड़ा ऑपरेशन ही इसे खत्म कर सकता है…
बेहतरीन लेख है चंदन भाई
वास्तव में आज राजनीति का ही अपराधिकरण हो रहा है।
Maaf karna bhai aapki soochi adhuri hai. Abu Azmi(SP, Mumbai 93 Blast Accused), SukhRam (Congress, Telecom sacam-fame), DP Yadav (SP), Taslimuddin(RJD), Mukhtaar Ansaari(SP, ab BSP, Killer), Pappu Kalani (Congress, Ab NCP), Arun Gavli(Gangster,Supporting Congress), Manu Sharma(Congress, Tandoori Fame)Advocate Anand Sharma (Congreess-Delhi)....endless. Lekin isss desh mein sab chalta hai, bas aap Sickular(So-Called Secular) hone chaahiye. Fin naa toh koi media aapse clean-chit maangegaa naa koi sting operation hogaa.
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