दो दिन पहले जैसे टी.वी. खोला समाचार चैनल का ब्रेकीग न्यूज सुनने को मिला कि नोयडा में यु.पी पोलिस और ए.टी.स. ने मिल कर दो आतंकी को ढेर कर दिया खबर मेरे लिये तो चौंकाने वाला था क्यों कि मैं भी नोयडा में रहता हू। लेकिन कुछ नेता के लिये ये खबर खुशखबरी लेकर आया है। जो सेक्यूलरिज्म का ढोंग करके वोट बैंक के लिये किसी भी हद तक जा सकते हैं। जिन्हें इन दो मारे गयें आतंकवादियों के नाम पर राजनीति करने का मौका मिलेगा और आतंकवादियों को देशभक्त सिद्ध करके एक समुदाय को खुश करने का कोशिश करेंगे जिससे उस समुदाय का वोट उन्हें मिले। आखिर कब तक ये देश इन नेताओं के घिनौना नाटक को देख और सुन कर चुप बैठेगा।
ये हिन्दुस्तान हैं जहा लादेन का डुपलीकेट को लेकर चुनाव प्रचार में घूमें और उनकी इस देश विरोधी हरकत के लिये यहा कोई अँगुली तक उठाने वाला कोई नही । 26/11 कि घटना हो गई हमारे नेतागण सिर्फ गीदर भभकी देते रह गये तब तक पाकिस्तान ने नोयडा में दो और आतंकी भेज दिये।आखिर हिन्दुस्तान ने क्या कर लिया पाकिस्तान का, पाकिस्तान के नेताओं को हमारे हिन्दुस्तान के नेताओं का गिदर भभकी वाला औकाद पता था इस लिये पहले दिन से पाकिस्तान ने कह दिया पाकिस्तान किसी आतंकवादी को नही सौंपेगा हिन्दुस्तान को जो करना है कर ले। हिन्दुस्तान आज से नही लगभग 10-12 साल हिन्दुस्तान से मोस्ट वान्टेड अपराधी का एक लिस्ट बना कर जेब में रख कर घुम रहा है और पाकिस्तान का पैर पुज कर निहोरा कर रहा है कि दे दो हमारे मोस्ट वान्टेड अपराधी को दे दो जबकि पाकिस्तान हमेंशा से हिन्दुस्तान को लतीयाते रहा है। हमारा देश और यहा के नेता पाकिस्तान का एक बाल भी बांका नही कर पायें। हमारे देश का नींव ही कमजोर है। ये देश स्वार्थी, लोभी, अपराधियों, दलालों, अनाडींयों के हाथ का खिलौना बना गया है।
आज तक कई बार हिन्दुस्तान के पाकिस्तान का तलवा चाटा । लियाकत अली से मेल मिलाप करके अपने मंत्रीमण्डलीय साथियों को त्याग पत्र देने को बाध्य करते रहेंगे, फिरोज खाँ नून को बेरुवाडी़ सौंपते नहीं शर्मांयेगे, अयूब खाँ से हाथ मिलाने ताशकन्द जा पहूचेंगे, भुट्टो को शिमला की सैर करायें और अपने सौनिकों की विजय को उनके हाथ में दे कर अपना पीठ ठोंकेगें, जियाउल्ल हक के तलवा चाटने के लिये क्रिकेट मैच देखने के लिये बुलायें। हजरतबल आतंकियों को बिरयानी खिलाकर अपना चार बीघा नामक क्षेत्र 999 साल के लिये शत्रू को दे दिये। जन्मजात शत्रु से हाथ मिलाने के लिये बस ले कर पाकिस्तान गयें। कारगील और संसद पर हमला करने बाले मुशरफ को अपने गोद में बीठा कर आगरा घुमाये। जिन्ना को सेकूलर होने का प्रमाण पत्र देने का ठिका हम पाले। बेनजीर और जरदारी को शान में कशीदे का पाठ करें। नतीजा ढाक के तीन पात हिन्दुस्तान जितना पाकिस्तान का तलवा चाटता है पाकिस्तान उतना ही हिन्दुस्तान को लतीयाता है।
हमें ये बात याद करके रखना चाहिये कि पाकिस्तान हमारा अपना कभी नही था और ना होगा चाहे हिन्दुस्तान के नेता कितना भी तलवा चाट ले पाकिस्तान हमारा दोस्त नही बन सकता है, जिसने कसम खा रखा है हिन्दुस्तान को बरबाद करने का आखिर उस देश के साथ हम क्यों दोस्ती का हाथ मिलायें आखिर कब तक हमारे नेता चम्मचागीरी नीति ला पालन करतें रहेंगें। हमारें नेता कभी बस से, कभी प्लेन से तो कभी रेल पाकिस्तान गये क्या मिला हिन्दुस्तान को धोखा, बम ब्लास्ट कारगील युध्द, पाकिस्तान से इससे ज्यादा उम्मीद भी नही कि जा सकती है। हिन्दुस्तान को चहीये बस, रेल, प्लेन सब भुल कर सिर्फ एक बार टैंक पर चठ कर पाकिस्तान चले जायें पाकिस्तानीयों को छीपने के लिये एक नया बाप को खोजना पडे़गा । हमें यें बात गाठ बाध कर रख लेना चाहियें कि अगर पाकिस्तान को हम नही मिटाये तो पाकिस्तान हमें मिटा देगा।
2 comments: on "पाकिस्तान को मिटाओं नही तो पाकिस्तान हमें मिटा देगा"
जितना दूध पिलाओगे,
उतना ही विष उगलेगा।
पाक नही है पाक,
नीतियाँ कभी नही बदलेगा ।।
सही लिखा बिल्कुल सहमत हूँ. लेखनी की धार को यूँ ही पेनी रखना ...
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