भाई, जब तक भारत भूमि में सुभाष को कुत्ता कहने वाले कमुनिस्ट और उनका नाम गुमनाम करने के पापी नेहरूवादी कांग्रेसी मौजूद हैं, सुभाष को फ़िर से पैदा होने से भी घिन्न आयेगी. हालांकि आज कमुनिस्ट सुभाष एवं भगतसिंह को कमुनिस्ट होने का भ्रम फैला रहे हैं और उनका तिरस्कार करनेवाली कांग्रेस सुभाष के नाम पे अपनी पीठ थपथपा रही है. वैसे आपकी कविता सामयिक व सुंदर है और विचार बहुत ही प्रासंगिक हैं. जय हिंद.
5 comments: on "सिर्फ एक सुभाष चाहिये"
bahut hi uttam vichaar hain bdhaai
is mahan krantikari ko shat shat parnaam
सही कहा...
जय हिन्द
भाई, जब तक भारत भूमि में सुभाष को कुत्ता कहने वाले कमुनिस्ट और उनका नाम गुमनाम करने के पापी नेहरूवादी कांग्रेसी मौजूद हैं, सुभाष को फ़िर से पैदा होने से भी घिन्न आयेगी. हालांकि आज कमुनिस्ट सुभाष एवं भगतसिंह को कमुनिस्ट होने का भ्रम फैला रहे हैं और उनका तिरस्कार करनेवाली कांग्रेस सुभाष के नाम पे अपनी पीठ थपथपा रही है. वैसे आपकी कविता सामयिक व सुंदर है और विचार बहुत ही प्रासंगिक हैं. जय हिंद.
jai hindu
jai hindu sthan
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