हिन्दुस्तान में मुस्लमानों को हर तरह कि सुख सुविधा सरकार के द्वारा दिया जा रहा है यहा तक कि मुस्लिम आतकवादियों भी सरकार फाँसी पर लटकाने से गुरेज कर रही है। आतंकवाद कि पाढ़शाला मदरसा को दिल खोल कर सरकारी सुविधा मील रहा है जिसका नतीजा है कि हिन्दुस्तान में आये दिन कही न कही बम विस्फोट या फिर दंगा फसाद होते रहता है लेकिन इसके ठीक उलट पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं की हालत चिंता का विषय है और सरकार इस ओर से आँख बन्द कर रखा है।
पाकिस्तान के हिंदुऒं ने अपने समुदाय के खिलाफ जानमाल को लक्ष्य बनाकर हो रही घटनाऒं के प्रति चिंता जताई है। गौरतलब है कि देश में हिंदुऒं के धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
अल्पसंख्यक हिंदु समुदाय की पाकिस्तान हिंदू परिषद् (पीएचसी) के प्रतिनिधिमंडल ने चिंता जताई है कि सिंध प्रांत में हिंदुऒं को लगातार लूट और डकैती का निशाना बनाया जा रहा है। उनके खिलाफ इस तरह की घटनाऒं में वृद्धि हो रही है। परिषद ने मांग की है कि इस्लामाबाद की संघीय सरकार इन घटनाऒं को रोकने के तुरंत कोई कदम उठाए और देश में अल्पसंख्यक समुदाय की रक्षा करे।
जाकोकाबाद में हाल ही में हुई लूट की घटना के विरोध प्रदर्शन में कराची में बड़ी संख्या में हिंदुऒं ने भाग लिया। जाकोकाबाद में कुछ हथियारबंद लोगों ने मंदिर में घुस कर करीब ३५० हिंदू महिलाऒं से लाखों रूपये की नगदी तथा जेवरात लूट लिए थे। सिंघ के पूर्व सांसद डा. रमेश लाल ने पुलिस और अन्य कानूनी एजेंसियों पर आरोप लगाया है कि वह नागरिकों खासतौर पर अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में नाकाम रही हैं।
पीएचसी के सचिव हरी मोटवानी ने डेली टाइम्स अखबार को बताया कि डाकुऒं ने करीब सात करोड़ की लूट की है और जाकोकाबाद की हाल ही की घटना के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोग खासतौर पर महिलाएं धार्मिक स्थानों पर जाने में डरने लगे हैं। मोटवानी ने कहा कि इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार डकैतों को तुरंत गिरफ्तार करे और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्र्चित करे। उन्होंने कहा कि यह घटना दिन के समय हुई है बावजूद इसके पुलिस इसे रोक नहीं पाई।
पीएचसी के अध्यक्ष राजा असेरमल मांगलानी ने कहा कि सिंध के उत्तरी जिलों में हिंदुऒं के साथ लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही हैं। इससे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में डर और असुरक्षा की भावना घर कर गई है। सरकार को चाहिए कि वह लोगों में व्याप्त इस इस डर की भावना को दूर करे।
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