जिस तरह से तालिबान और पाकिस्तान शासन में बैठे तालिबानी शासक पुरे पाकिस्तान को लगभग तालिबानिस्तान बना दिया है। आज पाकिस्तान का स्थिती ऎसा है कि वहाँ रह रहे मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग इस्लाम के नाम पर तालिबान का खुले आम समर्थन कर रहें है और वहाँ का सरकार भी आँख बन्द कर समर्थन कर रहा है। और पाकिस्तान से बाहर रह रहें मुस्लिम समप्रदाय भी किसी न किसी तरह तालिबान का समर्थन कर ही रहा है। तालिबान का सपना है पुरे विश्व को दारुल इस्लाम बनाने का इसके लिये इसके लिये तालिबान गैर इस्लामिक समुदाय को या तो डरा-धमका कर इस्लाम कबूलबा कर या फिर मौत के घाट उतार कर दारुल इस्लाम का सपना साकार करने में लगा है।
हिन्दुस्तान के दो परोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनो देश में इस्लाम का शासन है बांग्लादेश जब पाकिस्तान के आतंक से त्रस्त था तब हिन्दुस्तान के शरण में आया था लेकिन आजादी के कुछ दिन बाद से बांग्लादेश को अपने इस्लामिक भाईचारा का ख्याल हो आया और हिन्दुस्तान का साथ छोड़ इस्लामिक भाई पाकिस्तान का दामन थाम लिया और पाकिस्तान का कसम हिन्दुस्तान को बर्बाद करके दम लुगा को सार्थक करने में लग गया। और किसी ना किसी तरह से हिन्दुस्तान को परेशान करने लगा चाहे जिहाद हो, आंतकवाद हो, नकली नोट या फिर बांग्लादेशी नागरीक को अवैध रुप से हिन्दुस्तान में भेज कर मुग्लिस्तान बनाने में पाकिस्तान का सहयोग देना हो। इन सब स्थिती में हिन्दुस्तान क्या करेगा।
हिन्दुस्तान में राजनीतिक दल मुस्लमानों के चन्द वोट के चलते हिन्दुस्तान के आने वाले खतरे को हमेशा से अनदेखा करते रहें है। जब भाजपा सरकार आयी थी तो आतंकवाद विरोधी कानुन टाडा और पोटा लगाया था जिसको की कांग्रेस की सरकार ने मुस्लमानों के दवाब के चलते हटा दिया। आतंकवाद निरोधक कानून किसी एक विशेष समुदाय के लिये नही बनाया गया था ये कानून समान रुप से हिन्दु और मुस्लिम दोनो के लिये था लेकिन मुस्लमानों को इस कानून से ज्यादा समस्या था जिसके कारण कांग्रेस सरकार जब बना तो सबसे पहला काम आंतकवाद निरोधक कानून को हटाने का किया जिसका नतिजा आज पुरा हिन्दुस्तान भोग रहा है आज हिन्दुस्तान का कोई शहर, कस्बा, गाँव आतंकवादियों से सुरक्षीत नही है। कही भी कभी भी इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा बम विस्फोट किया जा सकता है। आज की तारिख में विश्व में सबसे ज्याद इस्लामिक आतंकवादी सुरक्षित है तो वह देश है हिन्दुस्तान। अफजल गुरु इसका उदाहरण है फांसी की सजा मिलने के बाद भी अफजल को कांग्रेस सरकार के द्वारा सिर्फ इस लिये फांसी नही दिया कि इस से मुस्लिम समुदाय खफा हो जायेगा और कांग्रेस को वोट नही देगा। हिन्दुस्तान में रह रहें मुस्लमानों का किसी ना किसी रुप से इस्लामिक आंतकवाद को सर्मथन दिया जा रहा है। पाकिस्तान तो सिर्फ अपने यहाँ आतंकवादियों को विस्फोट करना सिखाया जाता है लेकिन हिन्दुस्तान में आकर उसी आतंकवादि को हर तरह का सुविधा मुहय्या किया जाते है। इस्लामिक आतंकवाद हिन्दुस्तान में आकर कही भी घर लेकर रह सकता है और उसको सहयोग करने वाले और विस्फोट के बाद बचाव करने वाले लगभग हर राजनितीक दल में मौजुद है और उनके समर्थक खुले आम घुम रहें हैं और चुनाव के दिन मुस्लिम समुदाय सिर्फ उन्ही दल को वोट देता है जिनके आने से आतंकवाद और हिन्दुस्तान को दारुल इस्लाम बनाने में सहयोग मिलता रहें।
तालिबान के पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा करने के बाद तालिबान क्या चुप बैठेगा। शायद नही उसका अगला निशाना जरुर हिन्दुस्तान होगा। और हिन्दुस्तान में रह रहें मुस्लिम समुदाय इस्लामिक भाईचारा के नाम पर हो सकता है कि वे तालिबानियों के साथ करें हो जायें क्यों की आजादी के इतने सालों बाद भी मुस्लमानों का झुकाव पाकिस्तान की ओर ज्यादा है हिन्दुस्तान से इसका उदाहरण है क्रिकेट का मैच जब भी हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मैच होता है तो मुस्लिम समुदाय हमेशा से पाकिस्तान के सर्मथन में खरा रहता है। अभी कुछ दिन पहले जब हिन्दुस्तान 20-20 का विश्व कप के फाइनल में पाकिस्तान को औकाद बता कर 20-20 विश्व चैंम्पियन बना तो हिन्दुस्तान में रह रहें मुस्लिम समुदाय को पाकिस्तान का हिन्दुस्तान के हाथों हारना नागावार लगा जिसका नतिजा कई जगह दंगा भड़का। जब हिन्दुस्तान में तालिबान का इस्लामिक ताण्डव भडकेगा उस स्थिती में हमारे देश के शासक और हमारा फौज क्या इस स्थीती में रहेगा कि तालिबानीयों से और हिन्दुस्तान में रह रहें तालिबानी सर्मथको से लोहा ले सकेगा। कांग्रेस के इस पाँच साल के शासन काल में हम लोगों ने देखा की हिन्दुस्तान से नेपाल जैसा पिद्दी सा देश भी नही डरा। मुम्बई धमाका के बाद कि स्थिती तो हिन्दुस्तान के शासको के लिये हास्यपद बन गया है पाकिस्तान हिन्दुस्तान को लतिया रहा है और हमारे शासक नित्य नयें बहाने बना कर मुम्बई हमालाबरों को बचाने के कोशीश कर रहें हैं तो क्या हमारे मुस्लिम चापलुस शासको के पास इतना हिम्मत होगा की तालिबान का सफाया हमारे देश से कर सकें।
सोचों
1 comments: on "क्या तालिबान के ताण्डव से बच पायेगा हिन्दुस्तान?"
Very well written. Your worries are genuine. Not only political parties but the media is also in favour of Islam. Why and how? These questions are very important. ISI has purchased the Pol parties and media. Who is funding ISI? China, America, Vetican are funding them. Imagine the enemies of India but the leadership of India is sleeping. The future of the country is at stake and the time which is coming speedily is very dangerous.
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