पूरी तरह राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पित राजनीतिक नेतृत्व की जरूरत हैंपार्टी और विचारधारा को तिलांजलि देकर राजनेता चुनाव की इस तरह तैयारियां कर रहे दिखते हैं मानो भारत की संसद में प्रवेश राष्ट्र पर छाए संकटों के समाधान के लिए नहीं, बल्कि व्यक्तिगत ऐश्वर्य और सत्ता सुख में हिस्सेदारी के लिए हो। जिस प्रकार टिकटों की बिक्री और चुनाव खर्च के लिए इकट्ठा...
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