बाइबिल यूहन्ना 6:53 में लिखा है
यीशू ने उनसे कहा:
मैं तुमसे सच सच कहता हूं जब तक तुम मनुष्य मे पुत्र का मांस न खाओ,
और उसका लहू न पीओ, तुममें जीवन ही नही है।
Then Jesus said unto them, Verily, verily,
I say unto you, Except ye eat the flesh of
the Son of man, and drink his blood,
ye have no life in you.
इन्सान को मार कर उसको खाना लहू पीना ये ईसाई धर्म है|
जो यहोबा को न माने) वह तलवार से मार डाला जाएगा।
उनके बाल बच्चे उनके सामने पटक दिये जाएंगे और
घर लूटे जाएंगे उनकी स्त्रियों से बलात्कार किया जाएगा।
किसी का घर लुटना स्त्रियों से बलात्कार करने को धर्म कहते हैं।
मत्ती 10 :34 से 38 तक में लिखा है।
मैं धरती पर एक आग भड़काने आया हूँ। मेरी कितनी इच्छा है कि वह कदाचित् अभी तक भड़क उठती। मेरे पास एक बपतिस्मा है जो मुझे लेना है जब तक यह पूरा नहीं हो जाता, मैं कितना व्याकुल हूँ। तुम क्या सोचते हो मैं इस धरती पर शान्ति स्थापित करने के लिये आया हूँ? नहीं, मैं तुम्हें बताता हूँ, मैं तो विभाजन करने आया हूँ।
क्योंकि अब से आगे एक घर के पाँच आदसी एक दूसरे के विरुद्ध बट जायेंगे। तीन दो के विरोध में और दो तीन के विरोध में हो जायेंगे। 53 पिता पुत्र के विरोध में, और पुत्र पिता के विरोध में, माँ बेटी के विरोध में, और बेटी माँ के विरोध में, सास, बहू के विरोध में और बहू सास के विरोध में हो जायेंगी।"
क्या ये धर्म है और इसे पालन कर क्या मनुष्य इंसान बन सकता है शायद कभी नही ठीक इसके विपरीत हिन्दु धर्म सर्वे भवन्तु सुखिन्: । वसु धैवकुटुम्बकम पराई स्त्री को माता, बहन, बेटी समझना। आज इन्सानियत कही बचा है तो सिर्फ हिन्दु धर्म में जो ना तो जिहाद का बात करता है और धर्मान्तरण का| आखिर कन्धमाल की वस्तुस्थिती के बारे में हमें जानना चाहिये। कंधमाल जिला में ज्यादा जनसंख्या कंध जनजाति और दलित जाति के लोग रहते हैं। ईसाई मिशनरियों का नजर इन पर 1827 में परा और ईसाई मिशनरियों सबसे पहले कंधमाल क घुमसर में डेरा डाला। धीरे - धीरे ईसाई मिशनरियों समाजिक सुधार कार्य के आड़ में दलित जाति के गरीबों का धर्मान्तरण किया। 2001 के जनगणना के अनुसार कंधमाल जिले के कुल आबादी 6,47,000 है जिसमें से 1,20,2000 से ज्यादा धर्मांतरित ईसाई हैं। 1894 में दिगी में सबसे पहला चर्च बना और आज 1014 से ज्यादा चर्च हैं जो धर्मांन्तरण के कार्य में लगे हैं।
सरकार को चाहिये वोट नीति को छोड देश हित में ईसाई मिशनरियों के अनैतिक कार्य को जल्दी से जल्दी बन्द कराये। स्वामी लक्ष्मणानन्द सरस्वती के हत्यारों को सजा दिलवाये। और ईसाई मिशनरियों के अनैतिक गतीविधीयों पर लगाम लगा कर देशहित में कुछ काम करे।
2 comments: on "कंधमाल की सच्चाई ईसाई मिशनरियों का आतंक"
बाइबल में और भी इन्सानियत के विरुद्ध बातें भरी है। जिसको पढ कर इन्सान तो कोइ बन ही नही सकता है पादरियों को चाहिये कि पहले हिन्दु धर्म से कुछ इन्सानियत की बातें सिख लें
आपने लिखा । हमने पढ़ा । अब क्या कहना ।
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